अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति | Amar Javan Jyoti Latest News | 25 Fact Amar Javan Jyoti
अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति
राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट(India Gate) पर 50
वर्षों से जल रही ‘अमर जवान ज्योति’ 21 जनवरी 2022 को बुझा दी गई है | मोदी सरकार
के द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है | अब Amar Javan Jyoti इंडिया गेट पर नहीं जलेगी |
अब से आगे अन्य स्थान पर जलाई जाएगी अमर जवान ज्योति | आइये हम आपको बतातें है की
मोदी सरकार ने इतना बड़ा फैसला आखिर क्यों लिया और अब कहाँ जलाई जाएगी ‘अमर जवान
ज्योति’| इसके आलावा इस पोस्ट हम आपको इंडिया गेट , अमर जवान ज्योति और राष्ट्रिय
युद्ध स्मारक के कुछ ऐसे फैक्ट के बारें में बतायेंगे जिनके बारें में शायद आप
नहीं जानते होंगे |
India Gate Latest Hindi News :
मोदी सरकार ने 50 वर्षो पुराना इतिहास बदल दिया
है | 21 जनवरी से इंडिया गेट पर जलने वाली ‘अमर जवान ज्योति’ बुझा दी गई है | अब
से आगे अमर जवान ज्योति राष्ट्रिय युद्ध स्मारक पर जलाई जाएगी | इंडिया गेट पर अमर
जवान ज्योति वर्ष 1972 से जलाई जा रही थी | वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के
बिच युद्ध हुआ था जिसमे लगभग 3843 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे | शहीद सैनिकों को
सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए सर्वप्रथम तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती
इंदिरा गाँधी ने 26 जनवरी 1972 में ‘अमर जवान ज्योति जलाई या स्थापित की थी तब से
लेकर आज तक हर रोज अमर जवान ज्योति इंडिया गेट पर जलाई जा रही थी |
मोदी सरकार ने ये फैसला क्यों लिया : (Amar Javan Jyoti Shifting Hindi News)
प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी ने युद्ध या
अन्य लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए वर्ष 2019
में इंडिया गेट के परिसर में एक शहीद
स्मारक ‘राष्ट्रिय युद्ध स्मारक’ का निर्माण कराया | इस स्मारक का निर्माण कार्य मोदी
सरकार ने वर्ष 2015 शुरू करवाया और 25 फरवरी 2019 को मोदी के द्वारा राष्ट्रिय
युद्ध स्मारक (Rashtriy Yudh Smark) का उद्घाटन किया गया तब से मोदी ने यह निर्णय लिया था इसी स्मारक पर
अब अमर जवान ज्योति जलाई जाएगी | क्योकि मोदी सरकार का मानना है इंडिया गेट का
निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था | इंडिया गेट भी एक युद्ध स्मारक है | इंडिया गेट
पर लगभग 13,300 युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के नाम लिखे हुए जिनमे ब्रिटिश भारतीय
सैनिकों के नाम भी है | लेकिन मोदी सरकार का ये मानना था की आजाद भारत के शहीद सैनिकों
को इंडिया गेट पर उतना सम्मान नहीं मिल रहा था जितना मिलना चाहिए था | इस वजह से
अमर जवान ज्योति को राष्ट्रिय युद्ध स्मारक पर जलाने का फैसला लिया गया है |
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चलिय पहले आपको इंडिया गेट, अमर जवान ज्योति और राष्ट्रिय युद्ध स्मारक के कुछ फैक्ट या रोचक
जानकारी बताते है .
इंडिया गेट : (India Gate Facts In Hindi)
·
इंडिया गेट को पहले आल इंडिया वॉर
मेमोरियल या आखिल भारतीय युद्ध स्मारक के
नाम से भी जाना जाता था |
- इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश राज में हुआ था |
- इंडिया गेट राजपथ (Rajpath) पर स्तिथ है |
- राजपथ राष्ट्रपति से इंडिया गेट तक सीधे रास्ते को कहा जाता है |
- राजपथ को किंगवे (Kingway) के नाम से भी जाना जाता है |
- इंडिया गेट राष्ट्रपति भवन से 2.3 किमी दूर स्तिथ है |
- इंडिया गेट कजे डिजाईनर का नाम : एडविन लुटियंस था |
- इंडिया गेट का निर्माण : प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) व तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध (1919) . में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में बनाया गया था |
- इंडिया गेट का निर्माण 10 साल में पूरा हुआ था | (1921-31) तक |
- इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर है | यानि लगभग 138 फूट |
- इंडिया गेट पर 13,300 युद्ध में शहीद सैनिकों के नाम लिखे हुए है |
- जिनमे 10 हजार ब्रिटिश भारतीय सैनिक और बाकि अंग्रेजी सैनिकों के नाम है |
- इंडिया गेट का निर्माण लाल और पीले बलुआ पत्थरों से हुआ है |
- जब इंडिया गेट बनकर तैयार हुआ था तब इसमें जार्ज पंचम की मूर्ति लगी हुई थी | जिसे . बाद में हटाकर अन्य स्थान पर भारतीय सरकार ने लगवा दिया |
- इंडिया गेट पर ही 1972 से अमर जवान ज्योति जलाई जाती थी |
- इंडिया गेट के सबसे उपर अंग्रेजी में लिखा है :
To the dead of the Indian armies who fell honoured in
France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere
in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are
recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third
Afgan War. यानि
भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और
फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया फारस पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली
और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र
स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत
में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए।
- इंडिया गेट दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक है |
अमर जवान ज्योति : (Amar Javan Jyoti Facts In Hindi)
- अमर जवान ज्योति को शाश्वत ज्योति भी कहा जाता है जिसका मतलब है : जो कभी न बुझने वाली आग की लौ से है |
- अमर जवान ज्योति (Amar Javan Jyoti) का निर्माण 1972 में हुआ था |
- 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनको के सम्मान में इसको बनाया गया था |
- अमर जवान ज्योति को 1971 के युद्ध के उन सैनिकों की कब्र का प्रतीक भी है जिनके शरीर भारत नहीं आ सके |
- अमर जवान ज्योति 24 घंटे जलती है |
- इसमें 4 कलश है जिसमें 1 कलश में 24 घंटे ज्वाला जलती है |
- स्वतंत्रता दिवस पर इन 4 कलशों में ज्वाला जलाई जाती है |
- अमर जवान ज्योति पहले LPG गैस व अब CNG गैस से जलाई जाती है |
- अमर जवान ज्योति की लिए गैस पेट्रोलियम कम्पनिया बिल्कुल फ्री में देती है |
- इसके बगल में 1 SLR रायफल खड़ी है जो सैनिक के हेलमेट से सुसज्ज्ति है |
- 21 जनवरी 2022 से अमर जवान ज्योति “राष्ट्रिय युद्ध स्मारक” पर जलना शुरू हो गई है |
राष्ट्रिय युद्ध स्मारक (National War Memorial Facts In Hindi)
- राष्ट्रिय युद्ध स्मारक को नेशनल वॉर मेमोरियल के नाम से भी जाना जाता है |
- राष्ट्रिय युद्ध स्मारक : इंडिया गेट के परिसर में 40 एकड़ भूमि में बना हुआ है |
- जिसका निर्माण 1 जनवरी 2019 को पूरा हो गया था |
- इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 25 फरवरी 2019 को किया गया था |
- राष्ट्रिय युद्ध स्मारक की ऊंचाई 15 मीटर है यानि लगभग 50 फूट |
- राष्ट्रिय युद्ध स्मारक की दीवारों पर युद्ध में शहीद हुए लगभग 50 हजार से अधिक सैनको के नाम लिखे हुए |
- इस स्मारक में भी अमर ज्योति जलाई जाती है |
- यह स्मारक 4 चक्रो पर केद्रित है – अमर चक्र , वीरता चक्र,त्याग चक्र और रक्षक चक्र |
- वीरता चक्र से हमें 6 बड़े युद्धों की जानकारी मिलती है |
- इस स्मारक पर हर शाम सैन्य बैंड के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है |
- यह स्मारक हर दिन खुला रहता है | इसमें घुमने के लिय कोई भी फीस नहीं लगती है |
- इस स्मारक को बनाने का एक उद्येश्य था आजाद भारत के युद्ध या अन्य लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों को सम्मान देना |
अन्य बातें :
मोदी सरकार के द्वारा इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को राष्ट्रिय युद्ध स्मारक में
स्थानांतरित कर दिया है | राष्ट्रिय युद्ध स्मारक की अमर ज्योति में अमर जवान
ज्योति का विलय किया गया है न की बुझाया गया है | ये हमारे शहीद सैनिकों का प्रतीक
है जो कभी नहीं बुझेगी | अमर जवान ज्योति जब तक श्रष्टि रहेगी तब तक शहीदों के
सम्मान में जलती रहेगी |
लेकिन हमारे भारत देश की अजीब दस्ता है | जब
मोदी सरकार के द्वारा ये फैसला लिया गया तो हमारे देश की गन्दी राजनीती के नुमाएदों
ने इसे बुझानें का नाम दे दिया और कहने लगे जब हमारी सत्ता आएगी तो दुबारा इंडिया
गेट पर ‘अमर जवान ज्योति’ जलाई जाएगी | अब ये कितना सही और कितना गलत है ये हम
नहीं जानते | हम किसी राजनीतिक दल का विरोध भी नहीं करते | अब फैसला आपके यानि
जनता के हाथ में की मोदी सरकार ने ये जो
इंडिया गेट से राष्ट्रिय युद्ध स्मारक पर ‘अमर जवान ज्योति’ जलाने का फैसला लिया
है वो कितना सही और गलत है | आप अपनी राय कमेंट में जरुर लिखे और इस जानकारी को
अपने दोस्तों में भी शेयर जरुर करे |
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